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Saturday, April 23, 2011

घर - 2


तुम्हारा घर
वहाँ है
जहाँ सड़क समाप्त होती है
पर मुझे जब
सड़क पर चलते ही जाना है
तब वह समाप्त कहाँ होती है ?
तुम्हारा घर....

- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"




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